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Metadaten

Texttitel (Kurzbezeichnung)Lupold Hornburg: Reden
Textkürzel in ReM (und in der Mittelhochdeutschen Grammatik)Lupo
Textkürzel im Mittelhochdeutschen WörterbuchHornb
Textsorte, spezifischPoesie
TextsorteReimpaarreden
Textart (P = Prosatext, U = Urkunde, V = Verstext)V
Primäre Referenz (Edition, Handschrift)Edition
Sekundäre Referenz (Edition, Handschrift)Handschrift
AufbewahrungsortMünchen, Universitätsbibl.
Signatur2° Cod. ms. 731
Link zum Handschriftencensushttp://www.handschriftencensus.de/6441
Überlieferungstyp (Handschrift, Rolle, Inschrift)Handschrift
BlattangabeBl. 226ra,32-234va,12
Ausschnitt-
Sprachstufe (in ReM steht “mhd”)mhd
sprachlicher Großraum, weit (oberdeutsch, mitteldeutsch, niederdeutsch)oberdeutsch
sprachlicher Großraum, enger (z.B. ostoberdeutsch, westmitteldeutsch)nordoberdeutsch
Sprachlandschaft/Dialekt (z.B. nordbairisch, schwäbisch, hessisch)ostfränkisch
Lokalisierung/SchreibortWürzburg
Zeit (Jahrhundert(hälfte)) (z.B. 12,2 = 12. Jh., 2. Hälfte)14,1
Bemerkungen zum Überlieferungsträger-
Zeit (genauere Datierung)1347 (Rede IV) und 1348 (Rede I-III)
Lokalisierung (Entstehungsort) des TextesWürzburg oder Umgebung
Autor des TextesLupold Hornburg
Sprache des Autorsostfränkisch
Übersetzungsvorlage-
Edition (Standardedition, auf die sich ggf. die primäre oder sekundäre Referenz bezieht)Clair Hayden Bell, Erwin G. Gudde (Hg.), The poems of Lupold Hornburg, Los Angeles 1945.
Korpuszugehörigkeit (ReM I, ReM II, MiGraKo)MiGraKo
Bemerkungen zur Texterfassung/Transkription-
Bemerkungen zur Annotation-
Digitalisierung von: Name(n) (Arbeitsstelle)(Bochum)
Kollationierung von: Name(n) (Arbeitsstelle)(Bochum)
Präeditiert durch: Name(n) (Arbeitsstelle)Stefan Müller (Bonn)
Annotierung von: Name(n) (Arbeitsstelle)Stefan Müller (Bonn)
Abschlusskorrektur durch: Name(n) (Arbeitsstelle)Susanne Hahn, Elke Weber (Bonn)

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ZeileTranskription (Unicode)Transliteration
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Diz iſt des Langen Luppoldes hornb᷑gs
von Rotenburg Lantpredige von
der werlde kummer vnd noet . wíe
oder worrumme die geſchihet .
Ey kond ich hie gepredigen.
Enbinden vnde ledigen
Der werld eín teil von ſwere.
als manig predigere.
Geſwige ich ẏmmer einen tag
Vnd ſolt es koſten mir den nak
Ich ſeit ie hie der ſele not
Fuͤr dort den eweclich̄ toͤt.
An libe vnd auch an ſele
Herre ſancte Mychahele.
Duc hoer engel gotes degen.
Nu hilfa mir der worte pflegē.
Die criſtes lop gemeren.
Vn̄ vns von ſundē keren
Alſo daz wir icht vˢzagen.
By gotes plage in diſē tagē.
Dˢ mā wundˢwunder ſeít.
Vnd iſt doch ytel bermíkeít
Als iob der gute hot geiehē
Ez ſie on ſache nie geſchehē
Ichtes uf ertriche
Daz merket alle geliche.
Vn̄ ſwygēt ſwigēt vnd vˢnemet
Ein wort daz hie dˢ warheit remet
Vnde iſt geſprochē lange her.
Von dirre bitterlichen ſwˢ
Die alle tage erhebet ſích
Je bitter vnd ie bitterlich
Suſt hebet ſich dˢ ſmerze
Von zweier kuͤnige hˢrze
Die luͤgē redē werden.
Durch uͤbel tuͦn uff erden.
Zuͦ einem tiſche daz geſchiht
Vn̄ ſchaffent doch ſie beide nicht.
Wans end iſt in eín ander zit.
Sus hat geſprochē als ez lit
Got vnſer herre emanuel.
Durch den propheten Daniel.
Im eylften da Capitel
Daz ich on allen tittel
Kunde als ein prediger
Nu habent iwer oͤren her
Ir hˢren ritter Knechte
Vnd mˢkent ez vil rehte
Wan vwˢ haubt uch luͤget
Vnd uͤch mít mít lugē truͤget
So muz ir liͤgen fuͤrbaz
Suſt hebet ſich der luͤgē haz
Von obn̄ zu dem nídern
Die lugen kuͤnnē vidern
Den hot eín hˢze got gegebín
Vnde hat dˢ eine noch ſin lebin.
Der ander iſt verſcheiden
Sust ſprich ich ez mit eíden
Sol criſtes ler her wíder komē.
Man muͦs e auge. hāt. fuͦz. zˢdrumē
Den hohen argen gelfen.
Syd gotes plage niht helfen
an ín gar alle teigelich
So meld ich tombˢ vn̄ ſprich.
Got ſprᵃch durch des (pro)pheten mūt
Ezechiels zuͦ eíner ſtunt
Ich droͤw dē prieſtˢ vn dē man.
Ieglichē der da Wiſheit kan.
Vnde kuͤndeſt du dem mēſchē niht.
Sin vngereht ſin vngeſchit
Die da der boͤſe menſche tuͦt
So wird ich ſel und auch ſin bluͦt.
Vordern herre von diner hant
Ir wiſen dar an ſit gemant.
Vnd kuͤndet hie den irreſal
Waromb vn̄ wie zuͦ diſē mal.
Geſchehēt groͤzer plage víl
Daz doch vͤwˢ keinˢ kundē wíl
Ez muͤzz ie ergerunge geſchehē.
als criſtus ſelber hat geiehen.
Mit einem auge zeͦ himelrich
Iſt weger den̄ zer helle tich
Mit beiden augen kumen
Suſt han ich ez vˢnumen.
Von einem prieſtˢ dˢ ez las
Da criſtes ler geſchriben was.
Ey ſchrekēt niht ia muͦz es ſîn.
So ſich erhebt eín kuͤnígelín
Vnd eyns vnd eyns vn̄ abˢ eyns
Ja luͤget man vnd ſweret meȳs.
So vil bi diſen ziten
Daz wegˢ wer hie ſtriten
Da auge vn̄ hant wuͤrdē vˢlorn
Den̄ wizzentlichē meẏns geſworn.
Hie nu zuͦ tutſchen landen
Ich toͤr ich wil ez anden.
Mit worten als mir hat geſeít.
Dem criſtes ler ie wol beheit
Der hat gekundet mir alſus.
Ez habe geſchriben gregorius.
Von criſtenlichem rechte.
Gewinnet die an uechte.
So. daz die warheit wirt gemuͦͤt
Dar nach ſie brīnendiger gluͦͤt .
In Criſtenlicher ſterke.
Du zwifeler daz merke
Vnd gelaube daz ſant peter glaubet
So biſt due ſînnes vnberaubet.
Hie biͤ der gotes ſtraffe.
Vn̄ huͤteſt dv der ſchaffe
Du wirdeſt ein behaltē man.
In gotes hulden heb ich an.
Got. uater. ſun. heiligˢ geíſt.
Gar allˢ guͦtē dinge volleiſt.
Hilf mir daz ich beginne.
Einer rede ín gotes mīne.
Die durch liebe noch durch leit
Je melde hie dîe warheit
Daz helfe mir dˢ ware criſt
Dˢ gezuge der warheit iſt
Die man uu leidˢ menget
Daruͦmb er vil vˢhenget
Zeichenūge hie vnd da
Ietzunt ſus vn̄ denne ſa
So ſtrafe t vns der wiſe
Mit ſinˢ ruͤten lẏſe
Durch daz wir wider keren
So wellen wir in nicht eren
Wir boͤſern vns vō tag zu tage
Da vō geſchiht uíl manig plage
Hie nu biͤ diſen ſtunden
als wir hoͤn wol erfunden.
Heuſchreckē guͤſze vnd gᵒzen meẏn
Vil rappē. wurme gar vnreín.
Die werlet hie beſwaren
So moſte e wylūt iaren
So iſt dˢ win nv zwir erfroͤn
Daz machet daz hie wirt geſwoͤrn
By criſtes ſundˢlingen liden
Dˢ mā eins niͤndˢt wil befridē
Man ſwer da by zuͦ dirre ſtūt
Suſt ſprichet leider maníg mūt.
Gotz naſe. gotz heubt. gotz hˢrz vnde bluͦt
Daz got diſe zeichenūge tuͦt.
Je langer vnde ie uaſter
Meyns ſwern was e laſter
Daz iſt nu worden one ſcham.
Vnzucht vntruwe auch alſam.
Vnde ſunde manigerhande
Hie iſt da nichtes ſchande
Wan̄ dˢ nu iarlang niht enhat.
Daz iſt die groſte miſſetat
In dirre werlde nuͤ leider.
Daz hoher mā meyneẏder
Bie diſen ziten iſt ſo wˢt
Vn̄ biderbˢ armē niemā gert
Der Kuníg nach dem keyſer.
Des iſt ir lop vil heẏſer.
Daz ſi daz boͤſe nicht enwˢn.
Dem keyſer ſinē zins vˢſwˢn.
Die hohen pfaffen uͦben
Da mit ſie auch betruͦbē
Vil ofte manigē criſtē mā.
Dˢ nie keín ſchult dar an gewā
An irre nuͤwen ſeckte
Wˢ in daz mengen deckte
Si mechtē vz den criſten.
Vncriſten mit ir liſten
Die ſie vínden widˢ reht.
Sie ſint niht alle gotes knecht.
Primatem kardinale
Die dirre werlde quale.
Fuͦgent vnde liͤchttrager
Suͤmliche dienēt lutzifer.
Dˢ da eín herren tufel iſt
Dem dienent ſie zuͦ dirre friſt.
Vil mere wan dem ſuͤzzen got.
Sie ſint des endecriſtes bot.
Syd ín nach ſchatze iſt alſo we.
Vnd nach dem riche mychels me.
Wie daz bekum in ir gewalt.
Des iſt ir mengen manígualt.
Wie ſie daz riche ſwachen
Vnde niendert fride machen.
In dirre criſtenheite.
Wan gotes miltekeite
Vn̄ auch ſin reine guͦte
Er liez hie minnˢn bluͦte.
Vf baum uff halmē wˢden.
Er liez auch uz der erden.
Ein wazzer niendert fliezzē
Wan daz wir eine geniezzen
Der grundeloͤſē barmikeit
Ey konde ich ſagē die warheit
Ich woͤlt ein rede ſagen.
Die vor biͤ manigē tagē.
Her was geſeit uf diſe ziͤt
Wie ez nu indˢ werlde liet
Mit liegen triegen ſterben.
Dar nach vnd als wir wˢben.
Suſt hat ſibille geſprochen
Daz muͤzͤ̄ wir beſochen
Waz vns darūb geſchehē mag.
Vil eben an ſant paules tag.
Do vielen von ertbidemen
Vil dorfer wieler widemen
Stet cloͤſter. burg. vnd ueſtē.
Die ſie zvͦ kernten weſten.
Die koͤndē wol da ūo geſagē.
Ein ander noͤt die wil ich clagē.
Daz der warheit iſt geſwigē
Vnd wir in ſuͤnden allez ligen.
Bi grozzer zeichenunge.
Daz alten vnde iunge.
Nu ſterben ſundˢ one wˢ.
Vil manigē enden biͤ dē mer.
Zu augermort zuͦ Nimis
Beſunder zuͦ Marſilis .
Da ſtent von mēſchē toͤde.
Funftuſent huͤſer oͤde.
Dˢ niendert keins keín erbē hat.
Zuͦ auíníone ín der ſtat
Da ſterbēt ſie ſo rehte ſer.
Wol hūdˢt tuſent odˢ mer.
In wendig drier moͤnden.
Die ſich irs lebens oͤnden.
Da wellen ſie niht aneſehē.
Die hohē richen pfaffē ſpehen
Die des riches gulte hant.
Stet vnd burge. luͤt. vn̄ lāt.
Daz kuͤmet vō ín nīmˢ widˢ.
Ez lig e aug hāt. fuz dˢ nider.
IR falſcher ban ir Symoni.
Lant arme luͤte nimmer frẏ.
Ez kume dan̄ eín kuͤnig
Ein gotes knecht beſuͤnig .
Dˢ widˢ bringe criſtes E.
Daz dˢ gelaube enͮíg ſte.
In criſtenlichem orden
Vil iſt der ketzer worden.
Den vngelaubē niemā wˢt.
Des maníg glichſenere vert.
Ryechſend von der ſuͤndē wegē.
Die got ſín volk nu hie ſiht phlegē
Reubig zuckig . muͤrdig gar.
Vil zwifelere offenbar
Vmb den gelauben kriegen.
Da von die lieger liegen.
Da von die glychſenere.
Nu glychſent offenbere.
Biz daz eín vͦbel daz andˢ muͦz
Vertribē ſuſt wirt ſuͤ hte buͤz.
Seht alſo ſpᵃch her frydang.
Vil gar vor kurtzē iarē lang.
Lat uͤch die ziet behagē wol.
Syd daz ein boͤſeruͤ kumē ſol
Eya wie boſe ez dāne wírt
E noch daz boſe er vzgeſwirt
Die ſekt des vngelauben
Ia ſint ir uil der tauben.
Die den gelauben zweien
Die phaffen vor der leyen.
Sint gar verirret ſundˢ ſpot.
Nu biten wir den ſuͤzzē got
Daz er vns balde ſende
Ein haubet werndˢ hende
Menliches hertzen alſo frvm
Daz auge vn̄ hāt vn̄ fuͦz zerdrū.
Hie vor des tuͤfels ſamen
Nu ſprechet alle Amen.
Dyſe rede iſt des Ryches clage .
Bey wilunt do mā kūſt vˢnā
Vnd huͤbeſchˢouetur alſā
Do woren keyſer auch alſo
Die byderwe helde machtē vroͤ.
Daz iſt anders nu bekumen.
Bey ín truren nuͤr die frumē.
Vnd frauwēt ſich die boeſten
Die zagen wol die loeſten
Reichzſent nu an manigˢ ſtat
Des vndiͤnſt nu fur díenſt gat.
Vnd luͤgē fur die warheit.
Als ſybille wylunt ſeit
Dˢ herre wurde zu knechte
Vnd gienge vnrecht fur rehte
Vnd vntruwe fur die truͤwe.
Dˢ ſit íſt yren nuͤwe .
Daz zucht vnd ſchā vnd edel kunſt
Habēt nu niht der herren gūſt.
Wˢ loſen ſmeychen ſcheltē kan.
ze hofe der iſt nu der man.
By diſen iaren huͤre
Da von diſz afentuͤre
Mag heizzē wol des ryͤches klagͤ
Die ich mít gutem willē trage
zu liechtē ſo ich beſtē kan.
In gotes hulden hebͤ ich an.
Eya wie wol ich nutzte
Daz híe eín teil kunſt ſchutzte
Fur mich die kunſterínne
Biz ich vz grobem ſínne.
Swūge den kunſteloſen ſteup.
Dˢ mir den ſín ie machte teup.
Vnde ſo vngeſliffphen
Daz er hat níe begriffē
Kunſt die ze ſagen tochte
Wol ich mich hazzē mochte
Daz ich ſo kunſtēlosͤ ie was.
Doch ſag ich daz ich eínes las
In Cronicís den buechen
Flizlich begund ich ſuͤchen
Wíe keyſer kuníge lebeten
Hie vor vnd weliche ſtrebeten
Noch eren als daz buch noch leret
Vnd welichˢ hat daz riech gemeret.
Als ſie ím waren ſchuldig
In des kom vngeduldíg.
Ein ſlapff mir ín die augen.
Daz ich ſaz ſunder laugen
Verirrt in manígˢ fantaſyͤ
Daz ich dˢ witzē nahent fryͤ
Was wordē von dem leſen.
Ich gedaht ez dín geneſen.
Vnd freuwet dín genuchte
Gang da dˢ meye birt fruhte
Dar kom ich gar v̄mazzē ſnel.
Da ich die bluͦmē roet wiz gel.
Mit tauwe fant betroͤret.
Von vogellín gehoͤret.
Wart nie ſo riches ſanges
Mich muͦwet daz ich niht langes.
Bequā da fraude mir ſwere nímpt.
Durch luſt mín weg furbaz beſtímpt.
Was durch dē walt die twírge
Gar an eín hoch gebîrge
Quā ich da ich vil manígē
Er ſach fluz der fvntaníen
Dˢ vil vͤz hohen felſen doͤz
Do widˢ wart dˢ luden ſo groz.
Von tyͤren índer wueſte.
Menlich ſich forhtē muͤeſte.
Der noch hoͤrt ſuliches gelſen.
Wo ich moht hinder felſen
da barg ich mich vnd allez vloͤch
Jetzunt ich gíengͤ vnd dāne croͤch.
Hín an des berges clímme.
Da hecken dorne grímme.
Mir mín geuerte ruͤchten
zwar wilde wolfe ſchuͤchtē
al ſulche heckē vnde dorn .
Ia ſach ich híndē vn̄ vorn.
Neur bramē vnde rutzſchē
Vf klīmen vnde hutzſchen
Muͤſtͤ ich biz an daz hoeſte
Dar nach ward ich dˢ froeſte.
Da ich quom durch dˢ felſe bruͤch
ſchoͤnſte ſchín dˢ beſte ruͤch
In ſuzzē wíndē komē
Mit mirrē thus aromen .
Gemíchíſt vnd nicht mít falſchē
Nicht wann eín luthˢ balſē
Was da dˢ berg obē vnd dˢ luft
Wern aller ſuezzer kruter kruft
Geſtanden gein mir offen
So ſuͤzzer ſmag geſloffē
Wˢ niht als mích an drehete.
Mít ſchín vz ſchíͤne drehete.
Geín mír eín frawͤ v̄mazē glantz
Daz ich geſach von rechter ſchantz
Nie bilde baz geſthalter
Sie was von guͤtem alter
Des augentlich mich duͤchte
Luft vnd plan durchluchte .
In glantzē ſchîn în aller wiͤs.
Diz iſt daz irdihs paradyͤs
Gedacht ich an der ſchauwe
Vff eim geſthuͦlde die frauwͤ
In ſchínendē luften ſwebete.
Maníg tiͤrlín als ez lebete.
Lag în dem ſtuͦl wiz helfenbeîn
Ergraben zwar vmmazzē reín.
Nach liſteclichen ſîten
Was auch ir wat geſnîtē.
Von wiͤzzem larichande
Daz wizzer wízz erkande
Nie bíe mínen tagen ich.
Ich dachte dicke ſiha ſich
Die wizzē wat durch wundˢ.
Wiͤzz hermelín was drundˢ
Gefutert vnd gemachet.
Suſt wizz daz wîzz anlachet.
An libe vnd auch an wete blang
Lang was dˢ witē wete ſwang.
Als ez gezam ír witze
Ir wol gebilt antlitze
Scheín glich dem vollē mͦanē
Vff îrme haubt drie kroͤnen.
Die vz erwelte frauwͤ truͤg.
Die waren alſo liſtik kluͦg
Von ſteínen vnd von golde
Der allez guͦt zu ſolde
Gebe heíden krͤichē críſten
Sie kuͦndē mít ir liſten.
Nicht machē ſulíchē priſant
Dar înne lak manig dyamāt.
Smaragdē ſardín gîmmen
Rubín ſach man druz glímmē
Saffir thorkos yachande
Vil ſchín vnd māchirhāde
Mír tet do an geſichte gedon.
Criſoliden vnd toppaſíon
Der weyſe vnd dˢ karfunkel
Sín. vnd geſichte tuͤnkel
Maht mich ír ſchíͤn do leydˢ.
Suſt ich ir aller beyder.
Von glantzē glaſte wart entruſt.
Zuer erden vil ich vf die bruſt
Do mich ír ſchín engaſte
Nach witzzē ich da taſte.
Sam noch dem wege tut blínd
Als nuweborne kínde
Was ich an witzen vnbericht
Vor glaſte mocht ich geſehē nicht
Die frauwē an der ſtunde.
Sie ſpᵃch vz roͤtem muͦnde
Zue mír ſo rechte tugētlich
Got gruͤze werder knappe dích.
Des danckt ich ír vil kleíne.
Ich ríef maría reîne.
Durch dîn genade díe nîe vˢſaget.
Keím gnadē gerͤndē reîne maget.
Von ſunden mich enpînde .
Mít bete geín diͤnem kínde.
Des wart níe ſundˢ alſo not.
Díe frawͤ mír antwurte bot.
Vnd ſpᵃch tu hín due tobeſt
Sit du gelich mich lobeſt
Deu allˢ der wˢlde gnadē bírt
Dˢ werlt mich auch dˢ hymel wirt
Her ſantͤ vz engel koren.
Vnd hyez mich vnreht ſtoͦrē.
Dˢ werlt gemeíne geliche
Ich bínz daz Romîſche riͤche
Da von la ſorge vnd alle foͤrht
Ich ſpᵃch eur troſt hat mich entworht
Redens vil edelez bilde
Wˢ braht euch ín die wilde
Des gab ſie mír antwuͤrte
So edels von geburte.
Hat zu dˢ zit got nîe derdacht
Als do die romer mit ir maht.
Strebetē nach hoher wírde
Vnd ich ſach die begírde
Zu hant ich mich dar wante
Do ich ír treuwͤ erkante
Vnd ſatz zu ín míns riches ſtuͤl
Mit helfe dē ich gar zermuͤl
Die mít gewalt mír tratzten.
Vil diener ſie mír ſatzten.
Die míner dînge wíelten
Vnd ſich daran behiͤlten
Als íren eren wol gezam.
Dor nach zue phlegˢ ich auch nā
Julíum den werden leyen.
Do der erſluhk bompeyen .
Der ſich mír mít gewalte
Vnrechlich wíder ſtalte
Da zue kriͤchē yenſit mers
Gewaltík maht meíns gātzen hers.
Julius des riches ſpízzen
Konde wol die fínde ſmízzen.
Hertlich zue manígē ziten
In ſtuͤrmen vnd ín ſtríten.
Betwang dˢ helt ir vil mit maht.
Dˢ keyſer keyſerlich durch facht.
Do ſeínen wider werten frefel.
In ſínen warf dar nach trug wefel
Auguſtus der geherte.
Der mir daz riͤch ie merte
Dˢ vnd víl maníg keyſer ſtarp .
Bíz hín an Conſtantin dˢ warp.
Noch follecliͤchen eren .
Kond er mín ryͤchͤ gemerē
Als er mír wol erzeígete
Wan̄ er ſich nídˢ beugete/
Gen got vnd ſich bíe ím erhuep.
Kriſten glaube des mā entſuep.
An dem. Babeſt ſilueſter.
Ia kond er noch enweſter
Mín riͤch niht wol gewirdē baz.
Sín reíne demuͦt fueget daz
Vnd auch ſín truwe die er tet.
Wan̄ er got líep in hˢzen het.
Vnd mínnet ín von ſchantze
Mín ſtuͤl hín geín byſantze.
Díe haubet ſtat ín kriechen iſt
Fuert er vnd ſatzt in ſundˢ frîſt.
Da hín mit machtes troppel
Dvͤ ſtat zu Conſtantinoppel.
Noch Conſtātín noch heizzet
Vil kriechen do gereizzet.
Wart hert durch mich uff rittˢs kāph
Daz vō ir ſtrít gīg manīg dāph
Wann ſie vz manigen zungen.
Leute vnd lant mir twuͤngen.
Daz ſie ím muſten zínſen
In des begonde bînſen
Vil eren bilde gar vzzerwelt
Kuníg Karl dˢ vil wˢrlde helt
Dē mā da nāt der groͤzze.
Zue franrich ſín genozze
Kom níe uff ſtul des riches
Zu dem kort ich geliches
Von kriechē hín ín tuͤtſche lant
Wan̄ daz ſtūt alz an ſiner hant
On friſen vnd on ſachſen
Dor uf ſín ernſt bewachſē
Begonde mít ſtrites herte
Biz er ſie uber berte
Daz ſie íme wordē vndˢtan.
Von gotlant vnd vō beneūetan
Vz berberiſcher terre
Vil lant nahe vnd verre .
Britannen. hunen. wíndē.
Yſpaníen mít geſínden
Vnd alle walhē vbˢ berg.
Betwāg ſín keyſerliches wˢg
Daz ſie íme dínſt niht ſpartē.
Den kunig von lamparten.
In ſín gewalt er fazzete.
Der ie die Roͤmˢ hazzete.
Den man híez deſiderîum.
Den ſtarpt zu oche dˢ keyſer frū.
Suſt wart mír cron lant luͤte.
Got ín ín hymel truͤte
Der mich ſo fruntlich meînte.
Daz er mir dicke erſcheînte.
Wo er mín phlag mit truwē ſchōͤ
Zu franrich ſines vater Cronͤ
Gap mír der hochgeturte.
Mín riͤch er richlich ſturte.
Mit truwē vnde pflanzete
Er krond mích vnd krāzete.
Mit allˢ tugēt ſín bˢnder ſolt
Nehſt got was ích ím̂ alſo holt
Daz ím uff alle der erden.
Niht libͤt dan̄ ím dem wˢden.
Sam tet ich ſeînn nachkumē
Die ſchickten mînen frumē
Biz daz geſtarp keyſer arͤnolf
Daz bie ir keíme des roubes wolf
Nie kom zu mínen ſchaffen
Dar nach begondē ſlaphen
Die kunige furſten hírten
Die míne ſchoͤff vˢírten
Die hueten ſoltē leut vnd lant.
Die ſtifftē do roub raup vnd brāt
Daz werten e ir veter.
Do ich daz boſe weter.
Erſach vnd auch erhorte.
Daz mín vntruͤwe foͤrte.
Min menlich vnd mich meínt ī ark
In tuͤeͭſche lant ich mich vˢbark
In eíner wilden feſte.
Do mich ír keíner weſte
Der vngetruwen rotte.
Biz daz kom keíſer Otte von Bruͤnſwik
Dˢ noch kunig karl dˢ groſte híez
Nie nihtes dˢ mir vzzͤ gelíez
Daz mír an eren zeme.
Daz got ſín ende neme
Der alſo furſich hurtet dar
Auch ubˢ berg die walhē gar.
Hat oppodriten ſorben
Alz wintlant mir erworben.
Die huͤnen uber riten
Vnd vngern uberſtríten
Suſt hat beherſchet dicke ſín kraft
Wie oft er in der heidenſchaft
Regt durch mich liep vnd lider.
Dar nach ſín ſun Otte ſíder
Mit dínſte mín wol warte.
Daz ſun níe baz gearte.
Noch ſínem vater ſínt noch vor
Otte ſín nefe traf auch daz ſpor
Daz e der alte ante
Sín finde er fintliͤch ſwante
Vnd kond ſie ſuſt verderben
Do der vˢſchiet on erben
Dˢ mín ín truwē níe vergaz.
An ſíne furſten ſatz er daz
Daz ſie mir ſetzten phleger .
Vnd waz ſie duchte daz wegˢ.
Daz ſolten ſie betrachten.
Vil diener ſie mir achten
Die gantz mít truwē meȳtē mich
Vō beyerlant hˢzoge heínrich
Der was der ſelben eíner
Wip níe gebar fruht reyner.
Got vnd mich on getuͤſche
Mínt er ín reíner kuͤſche.
Vnd tet mír dínſtes wundˢ
Polanen mír beſunder.
Betwang ſín menlichs elent
Sam helde toͤten fellent.
Kond er mít ſtrites hˢter trift.
Dˢ da hot Babenberg geſtift
Waz ſtiften nuͤ die feígen.
Die mír ſo dicke erzeígen
Zagen hertze vnd bloden muͦt.
Wie iſt ir liep ſo gar vnfrut
Daz ſíe des boſen nîht enwˢn.
Hie rauben zuͤcken meínes ſwˢn.
Vnd dor zu kirchen brechen.
Wíe daz ſie ez niht rechen.
Ez blibͤt doch vngerochē níht.
Sit zeichenūg ſo vil geſchiht
Von gotes rueten alle tage
Eín plage ie nach dˢ andˢ plage.
Ertpidemen lute ſterben
Dor nach vnd als ſie wˢben.
Suſt richt ez got vil ſẘere
Ey knapp ich ſagͤ dir wore.
Ia weíz ich míndˢt bantier helt .
In tuzſchen landen vz erwelt.
Getrͤuwen noch gerechten
Dan̄ herzogͤ allebrechten
Von Oſterrich den wyſen
Den wil ich ſtete priſen.
Durch daz ſín lant mit fridē ſtat.
By krankē líden er hîe hat
Síns muͤtes dicke gnozzen
Dˢ wer mír vnverdrozzen
Hie zerechen miͤne leyt
Wen̄ daz den degē vˢuerzeít
Got ſelbˢ nah ím zuͤhet.
Da vō der helt mich ſchuͤhet
Mich armez ryͤch ellende
Ich weiz war ich mích wende.
Sit ich nicht fínde truͤwen
Ir hende ſie mít ruͤwen.
Begonde windē ich erſchrak
zu hant ſie vn vˢſunnen lak
Ir varwe gar verwandelt
Fur toͤt ich ſíe do handelt
Vnd want ſie wˢ vˢſcheíden
Mín leben mir do leyden
Begonde an dˢ ſelbē ſtūt.
Vff ſpart ich íren rotē mūt.
Vnd kult ſie vnd labete
Mit tauwͤ als ich ín habete
Daz ſie zehant wart mūder.
Ich ſpᵃch ia nímt mich wundˢ
Daz ir níht rechet uͤvˢn ſchadē
Do mít ír híe ſíet vbˢladen
Vnd vch doch díenet erde vnd mer.
Si ſprᵃch zu mír on alle wer
Swik knappe du dich ſeyleſt
Sit ſelber due verteyleſt
Dín lantfolk des du doch niht weíſt
Die mir den ſchadē allermeyſt
Mit boſen funden fuͤgen
Ir grozz vntat ſie ruͤgen.
Mit raube mit mort mit brande.
Eſt mír von tuͤtſchen ande.
Daz mír vnreht vō ín geſchiht
Ey daz ſi daz betrachten níht.
Daz got von muͦtgeluſte
Sich vnder meítlich bruſte
Hie barg bey mínen Jaren.
Vil reyche vor mír waren.
Den ſuliche wirde níe geſchah
Sie enphíng ín do dˢ engel ſpᵃh.
Aue ir lip zo zarter
Got leyt by mír dy martíͤr
Vnd loſte auch vns vz bandē
Do er was uff erſtanden.;
Do mít er brach dˢ ſlāgen lyſt
Er wil mich e der endecríſt.
Kumpt uff zu hímel fueren
Vnd keín vntat laͦn ruͤren.
Do ích han ímmer leben
Got híez líp zíns mir geben.
Den gotes ſun kríſt ſelbˢ gap.
Roͤme míns erſtē ſtuls vrhap
Mít wirde got irqwickte
Eín haubͤt er dar ſchiͤckte
Dē heilígen babeſt ſante peter.
Wan̄ vngelaube da dreter.
Was miͤndˢt noch ſo ſtrēgˢ fluͦz
So da den irren lere guͦz.
Kond er do wol vˢſchoffen
Kriſten gelauben phfroffē
Kond er mit ſíner predyen
Beíde inpínden vnd ledyen.
Gen gote machē maníge ſuͤn.
Des uu díe bebſte niht enͤtun.
Noch hohe ryche phaffen
Die iren wolluſt ſchaffen
Vff fleiſlich girde ín dirre werlt.
Suſt iſt ir ſín uue híe geberlt
Vnd nicht noch vnſˢm heile
Golt ſilber tuet den meile
Daz e die bebeſte míten.
Durch got ſie marter líten
Zu roͤme do ſie ſínt begrabē
Vnd ſie ir mūſtˢ auch da habē
Daz weiz wol wˢ an criſt gelaubꝫ
Daz ez iſt aller criſtē haubet.
Suſt wart mín ſtuͦl der erſte
Wol da der aller herſte
Von gote híe geeret.
Nu hant ſie ſich vˢkeret
Daz ich weíz wem getruͤwen.
Hier vmb die wuͤſt ich buͤwē
Muzz vnd iamˢ derren.
Siet ſie mír abe zerren.
Daz uff mich hāt ír uetˢ braht
Wie iſt ir muͦt ſo vn verdaht
Vnd ir ſín ſo gar beſchaben
Die da keyſers namē haben
Daz ſie wuͤcher ſymoní
Lazent alſo lange fry.
Byz eynē keyſer wírt vˢgeben
By gotes tiſche dem ſín leben
Gye der ſunnen hie gelich.
Daz was der keyſer Heînrich.
Von Luͤtzelb᷑g der gotes degen
Dˢ lie zu fruͦ mich vndˢwegen
Vnd ſleích mír als eín ſchate hín
Nu habent ſie uil langen ſín.
Vff liͤgen triͤgen ſmeíchen
Vnd herſchēt uuer die weíchen
Die keyſer kuͤníge fuͤrſten
Die niht noch eren durſten
Wil. darumb daz mín vˢgat
Tuchs lant ín kleínˢ wírde ſtat.
Der mahͤs ichs follen ſundˢ
All lant ín weren vnder
Vnd teten ſie mír rehte.
Des vater lant voruehte.
Solt mēlich da ez líett gebreſt
Fuͤnfhūdert Jar bín ich geweſt
Bie ín vnd dannoch lenger
Daz lant an wirden genger.
Nie wart noch an gelíngen
In ſtrítt ichs níemā dríngen
Liezze bie mír vnd hā den dāg.
Ich hette gekert vō ín vor lang
wan̄ noch ír alten truͤwe.
Die mich alzeíten nuͤwe
Twīget. wo ſie hāt geruͤemet
Mír ere. da han ich ſie gebluͤmet.
Die wil die lant ſie forhten
Wˢ forht uue die vˢworhten
Díe meíner wirdē wadel.
Lant ſtenͩ ín grozzē zadel.
Auwe wor zu ſínt ſie geborn
Otto Froga wes ſie mír hāt geſworn.
Die herren tuͣtſcher lande
Ez ducht ſie billich ſchande
Daz ſie niht helfent raten
Als e ir eldern taten.
Vnd daz ir keíner wil vˢſtan
Daz ſíe gewalt híe vō mír han
Daz ſie daz noch betrechten
Zu dínſt mír wider brechten
Die lant díe mír engāgen ſínt
Als e ír eldern ich ſie mínt.
Vnd ſetz ín hoher zírde.
An wirdeclicher wírde.
Wolt ich ſie gerne ſterken
Ir wort bat ſíe mích mˢken
Da ín dem wilden walde
Lant ſie niht vntat balde
Ir vntruwe vnd ír groz vnart.
So forht ích daz ich muze eíne vart
Farn als ich tet vō kríechen
Die noch an eren ſiͤchen
Dorumbͤ vnd muͤzent ſochen
So wird ích eͤrſt gerochen.
Daz ſagͤ ín knapp mít wortē ſcharfh
Dornach ir keíner ſprechen darf.
Hetͤ man mirs e geſaget.
Ich hette mít níht vˢdaget
In dínſt noch ſtíll gelegen
Si ſprᵃch got dich geſegen
Vil werde knappe here.
Vil ſufzͭen vnde ſere.
Da índer zarten luzzen.
Mín augen vbˢ ſchuzzē
Ir clagēden leit daz ſchueffen
Die frawͤ begonde rueffen.
Da vnd befalch mír tuſent ſtūt.
Daz ichs in offenlichͤ tete kūt
Den hohen furſten allen ſiben
Si wurdē kurzelich vertriben.
Von eren vnd von guͤte
Hetten ſie níht ín huͤte
IR haubͤt vnd hulf ím wíder
Síe legē noch ím ſamt dˢníder
Der hˢre zu dem knechte
Si teten mír vnrechte
Si kuren zu der criſtenheit
Eín haubt uuer durch gytikeit
Vnd tarſt du daz geſagen ín.
Vil werder kuappe ſo ním hín.
Eín roet marg goldes die dir gít
Mín knecht kuníg karel zu dˢ zit.
So due die rede haſt getan.
Des ſoltu mich zu burgē han
Der rede ich ſie gewerte.
Do ſis ſo vaſte begerte
An mích. vnd ſwuͤr ſír eínen eyt.
Daz ich durch liebe noch durch leít
Jie wolte híe die warheit ſagen.
Dar nach kom ich ín kurtzē tagē.
Zu baſſawͤ ín die guͤten ſtat.
Vnd tet als mich daz ryͤche bat
Vnd ſeyt die rede hie vnd do.
Den furſten groͤfen ſunder dro.
Vnd aller adellichen díet
Den íchs mit ganzē truwē ríet
Daz ſie dem riche ſtunden bíe
Er wer ein dínſtmā odˢ eȳ frye
Ein hˢre ein rittˢ oder ein kneht
Den ſeit ich ez mit wortē ſlecht
Vnd ſagͤ uch noch des ſínnes grūt
Hie vor eyn keyſer was vormūt
Des riches vnd pflak níchtes.
Dan̄ reht vnd rechtes gerichtes
Vnd gieng vil wiͤte ſín gebiet.
Eín ieglich furſte reht ím riet.
Menlich des riͤches ſchadē rach.
Nv lazent ſie ſich anz gemach.
Des riches reht ſie lazzen.
Ir ſelbes ere ſie hazzen
Wan̄ ſie daz ryͤche ſmehen
Ich lazz vch noch geſehen
IR grofen fríen Rítter.
Vch wirt daz ſuzzͤ noch bitter
Wan̄ daz riͤche uu gerumet.
Tuͤtſchelāt ſo iſt zu lāge geſuͤmet
Diͤnſt. waz hilft dann̄ vlehen
Von knehtes kneht vwˢ lehen
Zuem phohē uch gedyhet
Die ir nu ſelber lihet
Waz ſol ich uch ſagē me.
Ez tut mir fur daz riͦche we
Daz mā offenlichen ſwert
Meínes vnd daz níemā wˢt
Kuníge furſte noch keyſer
Des iſt gerichte heyſer
In dirre criſtenheite wíet
Do mit rede ein ende giet
Der reuhe lange luppolt
Wírt im darūme nīmˢ ſolt
So wolt er doch nít han vˢdaͤgt
Er heít ſín botſchaft híe geſagt.
Zv baſſavͤ ín der wˢden ſtat.
Do mít die clagͤ eín ende hat.
Von karlſtat Otte waldeman .
Viengͤ die rede zu tichtē an .
Die lange Luppolt hat .
Geraubet hie an manigˢ ſtat .
Diz iſt der zunge ſtriet .
Eín kunſter kō in eínē walt
Do er ſach bluͤmē maníkfalt
Vndˢ eínem grunen baume.
Auch nam darunder gaume.
Er einer frauwē índem graſe
Die was des alten trugers baſe
Kuͤmē von gaucheſhuͤſen.
Vnd ſaít la dir nít gruſen.
Gen mír du kunſtellere
Ich ſage dír nuwe mere.
Von markgrofe woldemaren
Den vor byͤ manigen Jaren.
Hette der tot an ſiͤch genumē.
Sich. der iſt her wider kuͤmen
Vnd machet dich des gutes ryͤch
Lobſt du den herren tugētlich.
Er richet dich vil ſere.
Ich bins fraw ere frawͤ ere
Vnd kēne dy adellichen díet
Dˢ kunſter vō der frauwē ſchiet.
Hin durch den walt die twirge .
An ein vil hoch gebírge.
In ein luͤk hiez ſprengeberg
Do elberich otnydes twerg
Im lief engegín ſonzehant
Vnd tet ím fiſement bekant
Von velenfarwen díngen
Die wart von lugellingen
Eín hubeſche affentuͤre
Phy du biſt vngehuͤre:
Reht vz dem ſlopfe da dˢ man
Waz kunſtͤ ſolt ich mích nemē an.
Von ligen trigen ſmeichen.
Die uu die eydeln leichen.
Ein kurtze rede wore
Die wer on alle fore
Noch gut zehoren wo man ſie
Rette den togentlichen hie.
Ich wil durch liebe noch durch leit
Je melden hie die warheit.
Mir kom an einem morgē frov .
So manigerleye gedenke zvͤ.
Von dirre werlde lauffe
Daz ich by ſuͦlichē kauffe
So nahen níe vˢtoret was
Wan̄ eynē dē ich vz in las
Dˢ mir da wol behagete
Dor noch ich ſchíer gedagete
Der andern alleſammet
Vnde gedaht zweí ammet
Den wˢdent beidē ſelten guͦt.
Zu vil an allen dingen tut
Den ſchaden aller gerneſt
Ein wizzentlich erneſt
Dˢ kēphet als eín gotes kneht
Gedaht ich mir vnd het auch reht
Byͤ dirre werlde ſwere
Wolt ich niht daz ich were
Ein kuníg ein keiſer dˢ da luͤge
Oder ein furſte der da truͤge
Als der von trugentſachſen
Dem da ein ſchalk gewachſen
Wer vͦz ſiͤner kluſen dar.
Wol hín mít ſínē woldemar/
Ja bin ich lieber eíne.
Ein ſundˢ der gemeíne
Als ein andˢ arem
Der ſiͤnen dank gebreítē kan.
Vf die des riͤches phlegen.
Die lant den ernſt vndˢwegē
Vnd fehten mít den zungen
Huͤt iſt ín wol gelungen
An eíner ſtat hat ſiͤch ergeben
Die ſiht mā morgē wídˢ ſtreben.
Huͤte ſwur ein hˢre ín .
Der nam hie mite vnd dort gewín.
Vnd dienet beiden ſyten
Suſt freiſt man lutzel ſtrìten
Ez ſyͤ ein grozͤ ver rechenyſhs
Reht als man vogel vn̄ viͤhs
Hie veht mít ſtrickē vnd mít hamē
Suſt wˢdent luͤt nuͤ bi namen
Gefangen dirre boſen zít
Phy werlt diner zungen ſtrit
Ia zimeſt duͤ den kunígē wirs
Wan̄ aller diet gelaubent mírs
IR hohen leͮchellere
Kemen vwˢ tuſent here
Die gerne tantzten lachten
Vnd vil teydinge machten
IR wˢt an gotes dinſte faul.
Noch wirſer dan̄ dˢ kunig ſaul
Dˢ fihe vnd luͤte ſolt er ſhlahen
Der torſte doch den kuníg vahen.
Durch ſinen giticlichen muͦt
Dˢ noch den kunigen ſchadē tuͦt
Got hiez dauiden veͨhten
Gegen den vngerechten
Do faht der kunig here
Mit truwē alſo ſere.
Daz er hie gotes hulde erwarp.
Vnd lebt mit eren vntz erſtarp.
So ſiht man ſye nu ſterben
Als ſie nach ſchandē wˢben.
Kunige keiſer by dem riͤch
Gewurben nie ſo leſterlich.
Vnd wurben ſie noch rehte
Síe wurden auch gotes knehte
Sam karel der e wylunt twang
Vil maníg terre wyet vnd lang
Vnd mahte ſo vil criſten.
Daz die Ewangeliſten
Noch die apoſteln alle
Gemahtē ſunder ſchalle.
Nye ſo vil criſten wan̄ er eín.
Nv lazent ſie vil gar vnreín
Vz criſten ketzer werden.
Vnd werent vff der erden.
Niemant hie vngerehtes leben
Wer nuwer miͤte hat zegeben
Der mag uu leben wie er wil.
Des iſt der ketzer alſo vil
Wordē. in dirre criſtenheit
Daz ſin got ſelbˢ niht vˢtreit.
Er reche ez hie vil ſware
Me wˢlt in diſem Jare
Hoͣt der tot an ſich genuͦmē
Wan̄ tuſent ſtrite werē kumē.
In dirre werldͤ gemeíne
Da augͤ vnd hend vnd beíne
Wurdē vˢſchroten ín den tot
Vnd wˢ híe doch der ſele not.
Fur dort díe helle ewecliͤch
Nv hilf vns zu dem hymelrich
Vil heyliger vater here
Fug vns noch diner lere
Ein haubt zu der criſtenheít
Daz niht enliege waz ez ſeyt
Hie endet ſich der zungen ſtrít
Den hon getíhtet ſunder nít
Luppolt hornburg genant von Rotenb᷑g geborn .
Vnd iſt manígē mā bekant
Nu wíl her vns hie ſage
Gar eín derbˢmeliche clage
Wie der Iungeſte Sluzzelbˢg den tot
Neme . fur den bite wir got .
SIt die warheit nieman tar
Gekunden leider offenbar
Er muzz des libes angeſt han
En gotes namen hebͤ ich an.
Ey kond ich von den woppen
Gegriffen vnd getoͤppen .
Reht als ein blindˢ mit dē ſtabe.
So wolt ich vngefuger knabe.
Eín rede kunden vnde ſagen
Vnd eínen biderwē hˢren clage
Dˢ was ein rehter pantyr helt .
Als in ein riͤche het vz erwelt
Im ſíne ere hie bewarn.
Den fanen mít dem adelarn
Furt ím der vnverdrozzen
Vnd hoͣt ſin bluͦt vergozzen.
Wol uber zwir by dem Riͤch
Den lye eín keyſer leſterlich
Beliben in den noͤten
Vnd widˢ reht ertoͤten
Den kan volklagē ní̄mˢ ich
Suſt lebt er vil gerehteclich
Gar alle ſine tage her.
Sin edel muͦt. ſín edel ger.
Die warheit hie durch niemāt ſpart
Darumb er auch erworfen wart
Mit einem bliden ſteine
Zu nidekᷚ der vil Reyne
Muſt ſterbē vmb ſín eigē gut
Daz ſelten uu kein hˢre tut
Dˢluge e er eín dorf verluͤr
Vnd dˢ ez líez an ſíne kuͤr .
Daz tet der wˢde herre niht
Dˢ ſayte ſleht die vadēriht
Dem keíſer. als dem hˢren
Den mīnern. als den merren.
Den Richen. als den armen.
Daz muͤzze got derbarmen
Daz die warheit iſt gelegen
An dem hochgelobten degen.
Cunrad da von ſluzzenberg
Der ie Ritterliche werg
Worhte durch ſin edeln mut
Als ein gotes kemphe tuͦt.
So faht er allez vnde ſtreit
Gegē der vngerehtekeit
Vntz daz ín got zuͦ im genam
Der wˢden Ritter wūneſam
Do der marterere
Gar lebt one ſwere
Sine woppē laz ich ligen
Sie ſint im ín ſín grab gedygen
Vnd bit da vuͤr altiſſimo
Daz ſín krey ge alſo
Ey ſluzzēbˢg die wˢde kryͤ
Zu hímel dort dē ſelen byͤ
An ſante yorgērittˢs ſchar
Da der himel adelar .
Dir gebe den eweclichen ſolt
Des bit ich langer luppolt
Ein ſundˢ alſo groͤzzer
Vnd rehter kunſter bloͤzzer
Ob ich darumbe ſterbe
Daz ich doch hie erwˢbe
Daz mā ſpreche ſundˢ ſpot
Nu gnade im vnſˢ hˢregot
Als mā tuͦt diſem herren
Die nehe vnd auch die ferren.
Wer den herren níe geſach
Der klaget doch ſin vngemach.
diz ist des langen Liutbaldes Hornburges
von Rôtenburc lantpredige von
hêrre sancte Michahêle.
got unser hêrre Emanuel.
an in gar alle tagelîche
Ezechiels zuo einer stunt
denne wizzentlîchen meines gesworen.
ez habe geschriben Grêgôrius.
sie sint des Èndekristes bote.
wan daz wir eine geniezen
die sie zuo Kernten westen.
zuo augermort zuo Nîmes
besunder zuo Marseill.
zuo Avignione in der stat
ein goteskneht besüenic.
sehet alsô sprach hêrr Frîdanc.
als Sybille wîlent seite
vüre mich die künstærinne
in Cronicis den buochen
vlîzlîche begunde ich suochen
diz ist daz irdisch Paradîse
zuo mir rehte tugentlîche
ich rief Maria reine.
Julium den werden leien.
der ersluoc Pompeien.
der keiser keiserlîche durchvaht.
Augustus der gehêrte.
biz hin an Constantîn der warp.
an dem. bâbeste Silvester.
mîn stuol hin gein Bysanze.
diu stat -- Constantinopel.
nâch Constantîn noch heizet
zuo Vrankrîche sîn genôze
von Gotlant und von Beneventân
Britânin. Hiunen. Wenden.
Ispanjen mit gesinden
und alle Walhen über berge.
den küninc von Lamparten.
den man hiez desiderium.
der mich vriuntlîche meinte.
zuo Vrankrîche sînes vateres krône
mîn rîche er rîchelîche stûrte.
biz daz gestarp keiser Arenolv
biz daz kom keiser Otto von Brûneswîc
ouch über berc die Walhen gar.
hât Obodriten Sorben
allz Wintlant mir erworben.
sust hât behêrschet dicke sîn kraft
sîn vîande er vîantlîche swande
von Beierlant herzoge Heinrîch
der hât Babenberc gestift
weiz ich niendert pantierhelt.
danne herzoge Albrehten
von Ôsterrîche den wîsen
er wile mich êr der Èndekrist.
daz was der keiser Heinrîch.
von Lützelburc der gotes degen
Diutschlant in kleiner wirde stât.
die mich alzîten niuwe
daz ich ez in offenlîche tete kunt
si wurden kurzlîche vertriben.
zuo Bazzouwe in die guoten stat.
Diutschlant ist zuo lange gesûmet
daz man offenlîchen swert
der rûhe lange Liutbalt
zuo Bazzouwe in der werden stat.
von Karlstat Otto Baldeman.
die der lange Liutbalt hât.
die was des alten trügærs base
kumen von Goucheshûsen.
gein mir kunstelære
von marcgrâve Waltemâren
in ein luoc hiez Spremberc
Èlberîch Ortnîdes twerc
die wart von Lügelingen
als der von Trugentsachsen
wole hin mit sînem Waltemâr/
ez ein grôze verrechenisse
got hiez Dâvîden vehten
gewurben nie lasterlîche.
vüre dort die helle êwiclîche
Liutbalt Hornburc genant von Rôtenburc geboren.
wie der jungeste von Slüzzelberc den tôt
gegrîfen und getâpen.
der was ein rehter pantierhelt.
den lie ein keiser lasterlîche
zuo Nîtegge der vile reine
Kuonrât von Slüzzelberc
und bite vore altissimo
ei Slüzzelberc die werde krî
der himeladelar.
des bite ich langer Liutbalt